धूँदता रहा था मैं कई चौखटों तुझे,
ना मिला भी तू,
शायद मिला भी मुझे,
लिखता तो मैं फिर भी था,
अल्फ़ाज़ों में रूह पर उतरी है आज तुझसे…..।।।।।
धूँदता रहा था मैं कई चौखटों तुझे,
ना मिला भी तू,
शायद मिला भी मुझे,
लिखता तो मैं फिर भी था,
अल्फ़ाज़ों में रूह पर उतरी है आज तुझसे…..।।।।।