हूँ शायद मैं तुझसे लापता,
या तू ही है दूर मुझसे,
बरसता तू भी यहीं है,
भीगता मैं नहीं हूँ फ़िर भी…….
Month: February 2020
आशिक़
आशिक़ों का कहाँ होता है कोई दिन,
मज़हब या होता ही कोई नाम,
आशिक़ों की तो है उम्र,
जब तक है यह समा,
ये ज़मीन ओ आसमाँ,
मरके भी जो क़ायम है,
ना मरके भी जो ज़िंदा है,
है खुदा भी जो,
है ग़ुलाम भी कभी,
गिरता भी जो है,
संभलता भी है कभी,
उजाड़ता जो बस्तियाँ भी है,
सुकून से सुलाता भी है,
है शायद तू भी,
या शायद हूँ में भी,
आशिक़ों का कहाँ होता है कोई दिन,
आशिक़ी ही होगी शायद,
जिससे हूँ में, हो तुम भी,
आशिक़ों के नाम हो हर सदी
हर सदी……
Tum mile
Title track of the movie Tum Mile on Ukulele.